इंडिया ने छीना पाकिस्तान से है MFN का दर्जा है कि नाम का अर्थ क्या होता है आशय क्या होता है? यह समझना जरूरी है जो देश किस देश को यह दर्जा दे रहा है वह व्यापारिक शर्तों के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा ऐसा वायदा करता है ।इंडिया ने पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा 1996 में दिया था लेकिन पाकिस्तान ने इंडिया को एमएफएन का दर्जा रिवर्ट अभी तक नहीं किया था। यहां यह गौर करने लायक है कि क्या पाकिस्तान में भी इंडिया को यह दर्जा देने की आवश्यकता महसूस की? ऐसे में इंडिया नेशन का दर्जा दिया ही क्यों? क्या आवश्यकता थी ? अब तक इंडिया को क्या फायदा हुआ ? इन बातों पर भी विचार करना जरूरी है यहां यह बताना भी जरूरी है कि इंडिया पाक के व्यापार में इंडिया के द्वारा एमएफएन का दर्जा देने से पाकिस्तान को इंडिया से आयात करने में फायदा हुआ। जिसमें गौरतलब यह है कि अमेज़न का दर्जा सिर्फ इंडिया ने पाकिस्तान को दिया पाकिस्तान ने इंडिया को नहीं और इससे फायदा इंडिया की व्यापारियों को हुआ इंडिया की जनता को नहीं क्योंकि साफ तौर पर पता चलता है कि इंडिया ने 200 देशों को एमएफएन का दर्जा दे रखा है जिसमें पाक भी एक है।
अब सवाल यह है कि क्या एमएफएन का दर्जा वापस लेने से पाकिस्तान पर इसका असर पड़ेगा? 2017-18 में इंडिया पाक के बीच व्यापार करीब 2.3 अरब डॉलर के करीब था जो कि इंडिया की कुल व्यापार का 0.35 फ़ीसदी ही है । इंडिया पाकिस्तान में कुल 137 चीजों का ही निर्यात करता है जिसमे चीनी, फर्नीचर, कपास कारपेट आदि आते हैं। साफ़ है कि एमएफएन का दर्जा वापस लेने का आतंकवाद के सफाए से कोई लेना देना नहीं है और पाकिस्तान पर भी इसका कोई असर पड़ेगा यह कहना भी यहां असंभव है।
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