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Saturday 25 July 2020

किसानों के लिए दानव साबित होगा एफपीओ!

लेखक – डॉ. नीरज मील ‘नि:शब्द’

          क्या किसानों की भी कोई सुध लेगा? क्या इंडिया के किसानो को फटेहाल ही रहने को मजबूर किया जाता रहेगा? कहीं खेती और किसानी को सरकारें खत्म कर ऐसा कंपनी राज स्थापित करना चाहती हैं जिससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाए? ..........इसी तरह के अनंत सवाल आज सोशल मीडिया और आम बुद्धिजीवियों के माथे पर देखे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2022 में किसानों की आय को दुगुना करने के वादे-इरादे पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। जहाँ एक तरफ इस तरह के तमाम वादे-इरादे हैं तो दूसरी तरफ है बेबस और लाचार किसान का ठगा हुआ राष्ट्रीय चेहरा जिसे अब शायद ही कोई पसंद करता है। जितनी दुर्दशा खेती-किसानी की हरित क्रान्ति के बाद हुई है उतनी किसी अन्य किसी दुसरे क्षेत्र की नहीं।