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Saturday 25 July 2020

किसानों के लिए दानव साबित होगा एफपीओ!

लेखक – डॉ. नीरज मील ‘नि:शब्द’

          क्या किसानों की भी कोई सुध लेगा? क्या इंडिया के किसानो को फटेहाल ही रहने को मजबूर किया जाता रहेगा? कहीं खेती और किसानी को सरकारें खत्म कर ऐसा कंपनी राज स्थापित करना चाहती हैं जिससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाए? ..........इसी तरह के अनंत सवाल आज सोशल मीडिया और आम बुद्धिजीवियों के माथे पर देखे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2022 में किसानों की आय को दुगुना करने के वादे-इरादे पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। जहाँ एक तरफ इस तरह के तमाम वादे-इरादे हैं तो दूसरी तरफ है बेबस और लाचार किसान का ठगा हुआ राष्ट्रीय चेहरा जिसे अब शायद ही कोई पसंद करता है। जितनी दुर्दशा खेती-किसानी की हरित क्रान्ति के बाद हुई है उतनी किसी अन्य किसी दुसरे क्षेत्र की नहीं।

Sunday 5 April 2020

HOW TO MAKE DATES LADDU ? | खजूर के लड्डू या बर्फी कैसे बनायें?

डॉ. नीरज मील 

खजूर के लड्डू (khajoor ke laddu)
नमस्कार दोस्तों मैं डॉ. नीरज मील आज आपको एक अनोखी लेकिन रोचक रेसिपी बताने जा रहा हूँ। 

Friday 3 April 2020

क्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का सदुपयोग हो रहा है? Is the PMNR Fund being properly utilized?

    डॉ. नीरज मील
क्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का सदुपयोग हुआ? क्या राष्ट्र की जनता का धन उद्देश्य पूर्ति में काम आ सका? देखिए सटीक व बेबाक विश्लेषण हम अनुपात विश्लेषण तकनीकी  के आधार पर हम आंकलन इस वीडियो में करेंगे। कि क्या प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का सदुपयोग हो रहा है? Is the PMNR Fund being properly utilized?
           

Wednesday 1 April 2020

ये है मरकज़ मुद्दें के पीछे की हकीकत This is the reality behind the markaz issue.

                                      डॉ. नीरज मील

दिल्ली का निज़ामुद्दीन कोरोना संक्रमण को लेकर सुर्ख़ियों में आ गया है.  आइये चलते हैं इसी सुर्खी की तहतक. फिलहाल वक्त है निजामुद्दीन की मुस्लिम संस्था को लेकर उठ रहे सवालों के विश्लेष्ण का. निज़ामुद्दीन में तबलीग़ी जमात का केंद्र कैसे बना 'हॉटस्पॉट' इस बात का जवाब तो तक़रीबन सभी को मिल चूका होगा लेकिन इस एपिसोड में हम प्रयास करेंगे ये देखेने का कि –
1.       क्या वाकई संस्था की गलती थी या फिर प्रशासन की?
2.       क्या दिल्ली सरकार की नाकामी है या फिर ये मुद्दा एक राजनितिक है