Wednesday 30 January 2019
Tuesday 29 January 2019
किसान,किसानियत, कर्जमाफी और प्रधानमंत्री का नज़रिया
किसान,किसानियत, कर्जमाफी और प्रधानमंत्री का नज़रिया
Monday 28 January 2019
Sunday 27 January 2019
Saturday 26 January 2019
क्या मोदी की जीत evm हैकिंग से हुई, जानिए सिर्फ सच।
नमस्कार मैं डॉ. नीरज मील, क्या इंडिया में 2014 के लोकसभा के चुनाव और उसके बाद हुए चुनावो में काम में ली गयी EVM मशीने हैक की गई थी ? EVM हैकिंग का सवाल 2014 के आम चुनावों के बाद खूब उठा था और हाल ही में कोलकाता में हुए मोदी बनाम अन्य सभी के राजनीतिक सम्मलेन में भी उठा है।इस एपिसोड में हम EVM हैकिंग के मुद्दे की तह तक जाने का प्रयास करेंगे और ये जानने का प्रयास भी करेंगे कि क्या वास्तव में EVM हैक हुई थी या हो सकती है! लेकिन इससे पहले कि हम आगे बढे उससे पहले आपसे यह गुज़ारिश जरुर है कि अगर आपने मेरे इस युट्यूब चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो अभी कर लीजिए और हाँ बेल आइकोन को जरुर प्रेस कीजिएगा ताकि बेहतरीन विश्लेषण आप तक जल्द पहुच सकें।
क्या EVM के साथ लगातार छेड़छाड़ होती रही हैं? हाल ही में
लन्दन में EVM को लेकर एक कान्फेरेंस हुई है जिसमे EVM हैकिंग और इससे जुड़े कुछ
लोगों कि हत्याओं का खुलासा भी हुआ है। अब कोई इन बातों कि सत्यता को कैसे जांचे?
सवाल न केवल गंभीर है बल्कि कई अन्य सवाल भी खड़े करता है। ख़ास बात ये है कि
हिन्दुस्तान में हुए चुनावों में विदेशों की दिलचस्पी क्यों हैं? क्या हिंदुस्तान
में मौजूद भाजपा और कांग्रेस के विश्वस्तरीय ध्रुवों से सम्बन्ध है? अगर इन सब
सवालों का जवाब हाँ में है तो वाकई ये देश और नागरिकों की स्वतंत्रता पर गंभीर
खतरा भी है। लेकिन अगर नहीं तो फिर ये
सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि “क्या EVM में हैकिंग कर सरकार बनी है?
अगर हैकिंग हुई है तो कहानी ये है कि 2014 में देश में उपजे
जनाक्रोश को शांत करने के लिए देश के दो मुख्य दलों की आपसी सहमति से ये हैकिंग
करवा सरकार बनवाई गई और बाद में जब दुसरे दल ने सरकार बना ली तो इसे खुद के स्थाई
अस्तित्व का साधन बना लिया और इसी वजह से दोनों का झगडा सार्वजानिक हो गया। इस बात
की संभावना से इनकार तो नहीं किया जा सकता।
अगर आपसी सहमति नहीं है तो ये छेड़छाड़ कुछ अलग तरह से सोची
समझी साजिश हो।
Tuesday 22 January 2019
क्या सीकर से चुनाव लड़ेंगे सनी देओल?
Monday 21 January 2019
महिला सशक्तिकरण!
नमस्कार मुद्दों के सही और सटीक और समुचित निष्पक्षता के साथ विश्लेषण के लिए आप बने हैं डॉ. नीरज मील के साथ.
गहलोत सरकार के फैसले का विश्लेषण
नमस्कार मुद्दों
के सही और सटीक और समुचित निष्पक्षता के साथ विश्लेषण के लिए आप बने हैं डॉ. नीरज मील के साथ.
कर्ज माफ़ी, किसान और राजनीति
कर्ज माफ़ी, किसान और राजनीति
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नमस्कार, मैं डॉ.
नीरज मील। मुद्दों के सही और सटीक और समुचित निष्पक्षता के साथ विश्लेषण के लिए बने
हुए हैं तह तक
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