आरएलपी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल संसद में काफी सक्रिय हैं। वे सदन की कार्रवाई सुनने काल से अपनी चिर परिचित अंदाज में नजर आए । बुधवार को संसद में हनुमान बेनीवाल ने जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामले भी उठाए. शून्यकाल के दौरान लोकसभा अध्यक्ष की विशेष अनुमति के बाद हनुमान बेनीवाल ने विशिष्ट फसलों को एमएसपी के दायरे में शामिल करने की मांग की। अपने समय के पूरे हो जाने के बावजूद अपनी बात को किस तरह से रखना है यह हनुमान बेनीवाल ने सबके सामने एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है जिसकी बदौलत देश का प्रत्येक सांसद अब यह विचार करने पर आमदा है कि शून्यकाल के दौरान भी अपने समय से ज्यादा समय किस प्रकार अर्जित किया जा सकता है।
इस विश्लेषण में हनुमान बेनीवाल द्वारा उठाए गए मुद्दों को बारीकी से विश्लेषण किया गया है यह वीडियो देख कर आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें और यूट्यूब पर हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर हमें प्रोत्साहित करें।
राजस्थान को विशेष दर्जा दिलाने की भी उठाई मांग
बता दें, हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को भी संसद में इसके अतिरिक्त कुछ मांगे और भी उठाई थी उठाई थी जिसमें उन्होंने राजस्थान को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग भी की थी। संसद में मंगलवार को बेनीवाल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर रहे धन्यवाद प्रसताव के दौरान राजस्थान सहित किसानों और जवानों के कई मुद्दों को उठाय़ा था।
राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि, राज्य इसके लिए सभी मापदंडो को पूरा करता है, अरावली पर्वत माला, थार का मरुस्थल, पाकिस्तान से सटी हुई अंतरराष्ट्रीय सीमा और अन्य सभी मापदंड राजस्थान पूरे करता है इसलिए इसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए
हनुमान बेनीवाल ने कहा, मोठ, ग्वार, इसबगोल, धनिया और जीरा आदि को समर्थन मूल्य के दायरे में लिया जाए। साथ ही उन्होंने नियम 377 के तहत नागौर की रेलवे पुलिया के अधूरे निर्माण से आमजन को हो रही परेशान का मुद्दा भी उठाया। वहीं उन्होंने राज्य में शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर कहा कि उनकी पार्टी आरएलपी विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
इन सबके अतिरिक्त हनुमान बेनीवाल ने युवाओं के रोजगार और भविष्य को लेकर भी कई सवाल उठाए। उन्होंने युवाओं की रोजगार को सुनिश्चित करने के लिए सरकार को किसी विशेष नियोजन के तहत कार्य करने की मांग की। हनुमान बेनीवाल राजस्थान की राजनीति से उभर कर अब देश की राजनीति में अपनी छवि को एक नए आयाम देते हुए इस शून्यकाल के दौरान नजर आए । उन्होंने मैं केवल अपने क्षेत्र के रेलवे और ब्रिज जैसे मुद्दे को लेकर अपने क्षेत्र के प्रति गंभीरता को दर्शाया बल्कि राजस्थान को विशेष दर्जा किसानों को विशिष्ट फसल के लिए एमएसपी की मांग और राजस्थान को विशेष दर्जा दिलाने की मांग उठाते हुए यह बता दिया कि अब राजस्थान से भी आवाज निकल कर देश के पटल पर आएगी। राजस्थान के लिए भी नीति निर्धारकों को अब सोचना होगा और काम करना होगा।
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