क्या संविदा के नाम पर कार्मिकों का शोषण लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक नहीं है? देखिए सरकार की बर्बरता का ये विश्लेषण सिर्फ तहतक पर बेबाक और सटीक👇
यह वीडियो संविदा कर्मी को की हो रही दुर्दशा, बद से बदतर हो चुकी स्थिति और इसी बीच सरकार के सुशासन के दावे को चित्रित करता है । साथ ही में यह वीडियो यह भी बताता है कि लोकतंत्र में सरकारें किस तरह से शोषण करती हैं और शोषण की जब इंतेहा हो जाती हैं उसके बावजूद भी सरकारें नहीं जागती। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार क्या करना चाहती हैं ? क्या दिखाना चाहती हैं और लोकतंत्र के नाम पर लूट किस तरह से करती है? नाज़ायज होते हुए भी जब सरकार खुद शोषण करें तो दूसरों को क्या दुहाई दें?
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